पारदेश्वर शिवलिंग for Dummies
पारदेश्वर शिवलिंग for Dummies
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पूजा करने से मिलती है भगवान शिव की कृपा
उसके बाद शिवलिंग पर हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं
शिवलिंग अंडाकार है क्योंकि शिव ही वह बीज है जिसने सृष्टि का निर्माण किया। यही कारण है शिव से सम्बंधित वह बीज अंडाकार है। वहीँ वैज्ञानिकों की मानें तो इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण एक छोटे से अंडे से हुआ है।
पारद शिवलिंग को अगर आप धार्मिक सभी में रखते हैं तो यह देवी सरस्वती को जागृत करके ज्ञान लाता है। साथ ही छात्रों के लिए भी इसकी पूजा करना बहुत कल्याणकारी माना गया है। छात्र अगर पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं तो उनका दिमाग तीव्र हो जाता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग हमारे चारों ओर की आभा को संतुलित और सामंजस्य स्थापित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- जल से रुद्राभिषेक करने पर वृष्टि होती है।
मंदिर में शिवलिंग रखने के लिए उसके आकार को ध्यान में रखना जरूरी नहीं है जबकि घर पर शिवलिंग को रखने के लिए यह ध्यान रखना बेहद ही आवश्यक यही कि वह website शिवलिंग अंगूठे के आकर से बड़ा न हो। इसके पीछे की ख़ास वजह यह है कि शिवलिंग एक अग्नि स्तम्भ माना जाता है और इस कारण यदि बड़े आकार का शिवलिंग घर में रखा जाए तो उसमें समाहित वह ज्वलंत शक्ति विनाशकारी साबित हो सकती है।
पारद शिवलिंग की पूजा से बदल जाएगी आपकी किस्मत
पारद शिवलिंग की पूजा से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। प्राचीन ग्रन्थों में पारद शिवलिंग की पूजा को सर्वोत्तम बताया गया है। पारद शिवलिंग के महत्व का वर्णन ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवेवर्त पुराण, शिव पुराण, उपनिषद आदि ग्रंथों में किया गया है।
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माझ्या मते तुम्ही जर ह्या महिन्यात स्थापन केलेत किंवा जुने कोणतेही घरात असलेले शिवलिंग बदलून पारद शिवलिंग ठेवलेत तर एखादा मोठा विधी करण्याची गरज नाही.
यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा ना करवाएं। लेकिन इसकी पूजा और अभिषेक जरूर करना चाहिए।
Appreciated enormously owing their seamless finish, desirable patterns and chic seems to be, these made available shivlingas are used widely in temples for worshipping
पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?
क्या शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाना चाहिए? – शिवलिंग पर अर्पित किया गया हर प्रसाद चण्डेश्वर का एक भाग है और इस तरह से इस प्रसाद को ग्रहण का अर्थ है भूत प्रेतों के अंश को ग्रहण कर लेना। ध्यान रहे कि केवल पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए।